Class 12 History chapter 9 Notes :राजमहल की पहाड़ियों में
मुख्य बिंदु
राजमहल की पहाड़ियों में
1. बुकानन की यात्रा (उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत):
- राजमहल की पहाड़ियाँ दुर्गम और खतरनाक मानी गईं।
- स्थानीय लोग अंग्रेज अधिकारियों से भयभीत और असहयोगी थे।
कई बार गाँव छोड़कर भाग जाते थे।
2. बुकानन की डायरी:
- लोगों की स्थिति दयनीय बताई।
- डायरी क्षणिक जानकारी देती है, संपूर्ण इतिहास नहीं।
- इतिहास जानने के लिए अन्य स्रोतों और मौखिक परंपराओं का सहारा लिया जाता है।
3. पहाड़ी लोगों की जीवन शैली:
- झूम खेती करते थे (स्थान बदल-बदल कर खेती)।
- जंगल साफ कर झाड़ियाँ जलाते, राख से मिट्टी उपजाऊ बनाते।
- दालें, ज्वार-बाजरा आदि उगाते।
- कुछ साल खेती कर जमीन को छोड़ देते, जिससे उसकी उर्वरता लौट आती थी।
- पहाड़िया लोग जंगलों से जीवन यापन करते थे।
- खाने के लिए महुआ के फूल इकठ्ठे करते थे।
- बेचने के लिए रेशम के कोया, राल और काठकोयला इकठ्ठा करते थे।
- लकड़ियाँ इकट्ठी करके चीजें बनाते थे।
- पेड़ों के नीचे की छोटी-छोटी झाड़ियाँ या घास-पूस पशुओं के लिए चरागाह बन जाती थी।
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