History 12,chapter 6: Alvar and Nayanar saints

 


   अलवार और नयनार संत (भक्ति आंदोलन - दक्षिण भारत)

📌 परिचय:

  • अलवार और नयनार दक्षिण भारत (तमिलनाडु) में भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे।
  • इन संतों ने ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति (एकेश्वरवाद) पर बल दिया और जातिवाद व ब्राह्मणवादी परंपराओं का विरोध किया।

🔷 अलवार (Alvar):

  • ये विष्णु भक्त संत थे।
  • 'अलवार' का अर्थ है – "ईश्वर में डूबे हुए"
  • इन्होंने तमिल भाषा में भक्ति गीत रचे।
  • जाति-पाति से ऊपर उठकर भक्ति पर बल दिया।
  • कुल 12 अलवार संत माने जाते हैं।
  • इनकी रचनाओं को "नालायरा दिव्य प्रबंधम" में संग्रहीत किया गया है।

प्रमुख अलवार:

  • नाम्मालवार
  • आंडाल (एकमात्र महिला अलवार)
  • पेय अलवार, भूतथ अलवार, तिरुमंगै अलवार आदि।

🔷 नयनार (Nayanar):

  • ये शिव भक्त संत थे।
  • 'नयनार' का अर्थ है – "नेता या पूजनीय व्यक्ति"
  • इन्होंने शिव की निःस्वार्थ भक्ति को महत्त्व दिया।
  • कुल 63 नयनार संत माने जाते हैं।
  • इनकी कथाएँ "पेरिय पुराणम्" में संकलित हैं (लेखक: सेक्किळार)।

प्रमुख नयनार:

  • अप्पार (Tirunavukkarasar)
  • संभंदर
  • सुंदरर
  • कारिकल अम्मयार (महिला नयनार)

महत्वपूर्ण विशेषताएँ:

  • इन्होंने मूर्ति पूजा, मंदिर भक्ति और भक्ति के माध्यम से मोक्ष पर ज़ोर दिया।
  • जातिवाद, भेदभाव और कर्मकांड का विरोध किया।
  • भक्ति को सभी वर्गों के लिए सुलभ बताया।


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